जानलेवा धुंध: दिल्ली-एनसीआर में जन स्वास्थ्य आपातकाल घोषित
सेहतराग टीम
पर्यावरण प्रदूषण के कारण नर्क में तब्दील हुए दिल्ली एनसीआर के इलाके में जन स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया गया है और यहां सभी तरह के निर्माण कार्यों पर पांच नवंबर तक के लिए पूरी तरह रोक लगा दी गई है। उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित पर्यावरण पैनल ने यह फैसला लिया है। पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम व नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) ने प्रदूषण के ‘बेहद गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने पर ठंड के पूरे मौसम के दौरान पटाखे फोड़ने पर भी प्रतिबंध लगा दिया।
ईपीसीए के अध्यक्ष भूरेलाल ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में कहा कि गुरुवार रात दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता बहुत खराब हो गई और वह अब ‘बेहद गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई है। उन्होंने पत्र में कहा, ‘हम इसे एक जन स्वास्थ्य आपातकाल की तरह ले रहे हैं क्योंकि वायु प्रदूषण का स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव होगा, विशेषकर बच्चों के स्वास्थ्य पर।’
इस बीच मौसम विभाग ने कहा है कि दिल्ली एनसीआर में फिलहाल इस भयानक धुंध से पूरी तरह निजात मिलने की उम्मीद तो नहीं है मगर पाकिस्तान की सीमा पर बन रहे एक पश्चिमी विक्षोभ के कारण अगले कुछ दिनों में इसमें कमी आ सकती है। इस बीच दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक को आपातकालीन हालत में पहुंचाने में पंजाब एवं हरियाणा के खेतों में जलाई जा रही पराली के धुएं का योगदान 27 फीसदी पर पहुंच गया है।
वायु प्रदूषण पर निगरानी करने वाली पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की संस्था ‘सफर’ के मुताबिक आने वाले कुछ दिनों में संभावित पश्चिमी विक्षोभ से हवा की गति तेज होने और इसके कारण वायु प्रदूषण से राहत मिलने की उम्मीद है।
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सफर के ही दावों की मानें तो दिल्ली के इन दोनों पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं में तेज वृद्धि हुई है। पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं पिछले तीन दिनों में बेहद बढ़ी हैं। दोनों राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार 27 अक्टूबर को पंजाब में पराली जलाने की घटनायें 7842 से बढ़कर 12027 हो गईं जबकि 30 अक्टूबर को यह आंकड़ा 19869 पर पहुंच गया। ये सरकारी आंकड़े हैं तो जाहिर है कि अनधिकृत मामले इनसे ज्यादा ही होंगे।
वहीं हरियाणा में इन घटनाओं की संख्या 27 अक्टूबर को 476 से बढ़कर 3735 हो गई और राज्य में 30 अक्टूबर को पराली जलाने की 4221 घटनाएं दर्ज की गईं। उल्लेखनीय है कि बृहस्पतिवार को दिल्ली में पिछले दो दिनों की तरह ही हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गयी है।
इस बीच भारतीय मौसम विभाग का कहना है कि अभी दिल्ली की तरफ उत्तर पश्चिमी हवाओं का रुख है। देर रात हवा की गति में बढ़ोतरी की संभावना को देखते हुए दिल्ली में हवा की गुणवत्ता में शुक्रवार और शनिवार को मामूली सुधार की उम्मीद की जा सकती है। इसके अलावा बृहस्पतिवार को पाकिस्तान-अफगानिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता को देखते हुये उत्तर-पश्चिम भारत में दो नवंबर को इसका प्रभाव देखने को मिल सकता है। इसके कारण दो नवंबर के बाद से दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में सुधार संभव है। हालांकि ये सुधार बस इतना ही हो सकता है कि ये आपात स्थिति से सुधरकर बहुत गंभीर की श्रेणी में आ जाए।
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